

मुंगेली । भ्रष्टाचार के विरुद्ध एसीबी (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की सख्त कार्यवाहियों के क्रम में आज मुंगेली जिले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई। बीएमओ कार्यालय मुंगेली में पदस्थ अकाउंटेंट बृजेश सोनवानी को 54,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी बिलासपुर की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस कार्यवाही से स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
शिकायत और ट्रैप की योजना
ग्रामीण ललित सोनवानी, जो हाल ही में स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद से 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त हुआ है, ने 5 जुलाई को एसीबी कार्यालय बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि बीएमओ कार्यालय में पदस्थ अकाउंटेंट बृजेश सोनवानी उससे ग्रेच्युटी और अन्य सेवानिवृत्त लाभ दिलाने के एवज में ₹61,000 की रिश्वत मांग रहा है।
एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें आरोपी ने प्रारंभिक तौर पर ₹7,000 ले लिए। शिकायत सही पाए जाने पर ट्रैप की रणनीति बनाई गई।
ढाबे में पकड़ा गया आरोपी
आज 8 जुलाई को शेष ₹54,000 की रिश्वत देने के लिए फरियादी को तखतपुर स्थित रियांश होटल के पास एक ढाबे में भेजा गया, जहाँ आरोपी ने जैसे ही रकम ली, मौके पर तैयार एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई और आरोपी के पास से पूरी रिश्वत राशि बरामद कर ली गई।
कानूनी कार्यवाही
आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश करने की कार्यवाही की जा रही है।
7 महीने में 6वीं कार्यवाही
मुंगेली में एसीबी की यह 7 माह के भीतर छठवीं कार्यवाही है। इससे पहले प्राचार्य मालिक राम मेहर, बाबू हनी शर्मा, राजस्व निरीक्षक नरेश साहू, पटवारी सुशील जायसवाल और सहायक, एएसआई राजा राम साहू, पटवारी उत्तम कुर्रे और सीएसपीडीसीएल के सब इंजीनियर कृष्ण कुमार गुप्ता समेत कई अफसरों को एसीबी द्वारा ट्रैप किया जा चुका है।
एसीबी का संदेश साफ:
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की यह मुहिम जारी रहेगी। विभागीय सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि जनता की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।