

मुंगेली | रविवार को सतनाम बाड़ा, विद्याडीह में सामाजिक मुद्दे एवं सशक्तिकरण के केंद्र विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम सतनाम बाड़ा और गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता साहेब मोहर दास जांगड़े रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर साहेब सुरेश दिवाकर, साहेब राधेश्याम टंडन, अधिवक्ता साहेब बलदाऊ बंजारे, साहेब मन्नु कुर्रे एवं साहेब महेश कुमार कोसले मंचासीन रहे।
कार्यक्रम में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, स्वास्थ्य एवं शैक्षिक स्थिति को लेकर अतिथियों ने अनुभव आधारित वक्तव्य दिए। शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सभा में गहरी चिंता जताई गई। गुरु घासीदास जी के सतनाम आंदोलन और राजा गुरु बालकदास जी के बलिदान से समाज में आए परिवर्तनों पर वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डाला। “नवा जागरण, नवा बिहान, सबो बनव सियान” के संदेश को आज की सामाजिक चुनौतियों से जोड़ते हुए वक्ताओं ने औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ कौशल, विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा पर बल दिया। सभा में यह निष्कर्ष निकला कि स्वतंत्रता व संविधान के बाद भी सतनामी समाज अब भी उपेक्षा का शिकार है, जबकि छत्तीसगढ़ के शासन-प्रशासन में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को जागरूक होकर अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन साहेब विजय हिरवानी ने किया। उन्होंने शिक्षा और चिकित्सा को राष्ट्र निर्माण के दो महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। आयोजन में चौवन गेंदले, जीवन घृतलहरे, दिलहरण गंगीले, सुंदर घृतलहरे, सालिकराम, चंद्रिका घृतलहरे और सौखी चेलके सहित अन्य सेवाभावी कार्यकर्ताओं का सराहनीय योगदान रहा। सतनाम बाड़ा के संचालक साहेब बसंत जांगड़े ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “सामूहिक समस्या का समाधान, सामूहिक प्रयास से ही संभव है।” कार्यक्रम के समापन पर सतनाम बाड़ा की महिलाओं द्वारा सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के लिए स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था की गई।