

नई दिल्ली । आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज नई दिल्ली स्थित हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (हुडको) के कॉरपोरेट कार्यालय में हिंदी कार्यान्वयन का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मंत्रालय एवं हुडको के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान श्री साहू ने राजभाषा प्रदर्शनी स्थल का उद्घाटन किया और हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए हुडको द्वारा किए जा रहे विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की। उन्होंने हुडको को राजभाषा कीर्ति पुरस्कार में तृतीय स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी और अधिकारियों एवं हिंदी प्रकोष्ठ टीम के समर्पित प्रयासों की सराहना की।
श्री साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी हिंदी में संवाद करते हैं। इसलिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का यह दायित्व है कि वे हिंदी को अपनी कार्यसंस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाएं। उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण और स्वयं अभ्यास के माध्यम से हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग को सुनिश्चित करें और सहकर्मियों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
इसी क्रम में, श्री साहू ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) और पीएमएवाई-शहरी 2.0 की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। अधिकारियों ने बताया कि 2014 से 2024 के बीच 1.20 करोड़ से अधिक मकानों को स्वीकृति दी गई है, जबकि अब तक 94 लाख से अधिक मकानों का निर्माण पूरा हो चुका है। योजना की समयसीमा को बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2025 तक कर दिया गया है, ताकि राज्यों को परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
विशेष रूप से छत्तीसगढ़ ने 92% से अधिक पूर्णता दर हासिल की है और यहां 12,800 से अधिक मकानों को नई स्वीकृति मिली है। पीएमएवाई-शहरी 2.0 के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG), मध्यम आय वर्ग (MIG), स्लम निवासियों, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, विधवाएँ और दिव्यांगजन जैसी वंचित और पिछड़ी आबादी की आवासीय आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
श्री साहू ने लोरमी और मुंगेली जिलों में लाभार्थियों द्वारा झेली जा रही कठिनाइयों पर विशेष ध्यान दिया और स्थानीय स्तर पर लक्षित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि योजना का सफल क्रियान्वयन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के समावेशी, न्यायसंगत और सतत शहरी विकास के विज़न को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से यह भी आग्रह किया कि वे लाभार्थियों के साथ नियमित संवाद और ऑन-ग्राउंड निगरानी सुनिश्चित करें, ताकि योजना का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुँच सके।