

मुंगेली। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने सोमवार को अपनी लंबित मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि वे लगभग 50 वर्षों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचा रही हैं, लेकिन अब तक न तो उन्हें कर्मचारी का दर्जा मिला और न ही श्रमिक के रूप में मान्यता। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि 2 अक्टूबर 1975 को आईसीडीएस योजना लागू होने के बाद से देशभर में लगभग 27 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं लगातार सेवाएं दे रही हैं। इसके बावजूद उन्हें न्यूनतम मजदूरी, पेंशन, ग्रेच्युटी, समूह बीमा, चिकित्सा सुविधा और मान-सम्मान जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
बेहद कम मानदेय, सुविधाओं का अभाव : कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मानदेय के रूप में कार्यकर्ता को मात्र ₹4500 और सहायिका को ₹2250 दिया जा रहा है, जो कि न्यूनतम वेतन से भी बहुत कम है। न तो उन्हें महंगाई भत्ता मिलता है और न ही किसी तरह का पदोन्नति लाभ। मांग करने पर केंद्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ लेती हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र और छत्तीसगढ़ दोनों जगह एक ही दल की सरकार है, इसलिए अब बहानेबाजी छोड़कर उनकी मांगों को पूरा किया जाना चाहिए।
प्रमुख मांगें
1. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।
2. जब तक शासकीयकरण नहीं होता, तब तक कार्यकर्ता को ₹26,000 और सहायिका को ₹22,100 मासिक वेतन दिया जाए।
3. सेवानिवृत्ति पर पेंशन, ग्रेच्युटी, समूह बीमा और कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
4. सहायिका को कार्यकर्ता और कार्यकर्ता को सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति दी जाए।
5. पोषण ट्रैकर, THR वितरण और FRS फेस कैप्चर जैसी डिजिटल जटिलताओं को बंद कर ऑफलाइन व्यवस्था लागू की जाए।
6. महंगाई भत्ता दिया जाए और गुजरात हाईकोर्ट के ग्रेच्युटी एवं न्यूनतम वेतन संबंधी आदेश को छत्तीसगढ़ में लागू किया जाए।
7. सेवानिवृत्ति के बाद जीवन-यापन हेतु कार्यकर्ता को ₹10,000 मासिक पेंशन और ₹5 लाख, सहायिका को ₹8,000 मासिक पेंशन और ₹4 लाख ग्रेच्युटी दी जाए।
8. आकस्मिक मृत्यु पर परिवार के सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
भारी संख्या में महिलाएं हुईं शामिल : धरना-प्रदर्शन में लगभग 300 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाएं शामिल हुईं। इस दौरान नीता दास (जिला अध्यक्ष), सरिता साहू (जिला सचिव), प्रभा डाहीरे (जिला अध्यक्ष), अंजुला (जिला सचिव), राजकुमारी सतपुडे (ब्लॉक अध्यक्ष), बुद्धेश्वरी मारकंडे (ब्लॉक अध्यक्ष लोरमी) और ममती (ब्लॉक अध्यक्ष पथरिया) समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहीं।प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।