

मुंगेली। सोनकर कॉलेज मुंगेली में आज विधि संकाय का इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किया गया, जिसमें नव प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। इसी अवसर पर कॉलेज में विधि विभाग की कक्षाओं की शुरुआत भी हुई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता गिरीश दीवान उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता बार कौंसिल ऑफ मुंगेली के अध्यक्ष राजमन सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता संजय गुप्ता, रविंदर छाबड़ा तथा अधिवक्ता संघ मुंगेली के सचिव राजेंद्र चंद्रवंशी शामिल हुए।
राष्ट्रगान और पूजा अर्चना से हुई शुरुआत
समारोह का शुभारंभ राष्ट्रगान और मां सरस्वती की पूजा-अर्चना से किया गया। इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने विद्यार्थियों को विधि शिक्षा की महत्ता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विधि संकाय किसी भी राष्ट्र का मूल स्तंभ है, क्योंकि कानून और न्याय व्यवस्था का संचालन इसी के अंतर्गत होता है।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि अधिवक्ता बनने के लिए विधि की पढ़ाई किस प्रकार मार्ग प्रशस्त करती है। संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करना, न्यायपालिका के साथ सहयोग कर समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखना तथा नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों में संतुलन स्थापित करना विधि विभाग की प्रमुख जिम्मेदारियाँ हैं।
विधि विभाग को बताया न्यायपालिका का संबल
अपने संबोधन में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा—
“संविधान ने हमें मौलिक अधिकार दिए हैं और उनकी रक्षा का दायित्व विधि विभाग पर है। विधि विभाग मात्र एक शासकीय इकाई नहीं, बल्कि न्याय और संविधान का प्रहरी है। आम नागरिक जब न्याय की आशा लेकर न्यायालय के दरवाजे पर आता है, तो उस आशा को विश्वास में बदलने का कार्य अधिवक्ता और संपूर्ण न्यायिक व्यवस्था करती है।”
प्रबंधन और स्टाफ की रही उपस्थिति
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक संतुलाल सोनकर, संस्था के संचालक शिव आशीष सोनकर, संस्था के रजिस्ट्रार के. गंजीर, मैनेजमेंट हेड बलराम देवांगन तथा विधि विभाग के स्टाफ सदस्य आरती शुक्ला, प्रियंका डीप, आस्था शर्मा, गणेश सोनकर और प्रीति साहू उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों के मंतव्यों और आशीर्वचन के साथ किया गया।