

बिलासपुर । यात्रियों की सुरक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित सहायता के उद्देश्य से भारतीय रेलवे द्वारा प्रत्येक यात्री कोच में इमरजेंसी अलार्म चैन की सुविधा प्रदान करती है। यह सुविधा केवल गंभीर एवं वास्तविक आपात स्थिति में ट्रेन को रोककर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। परंतु कुछ यात्री इस सुविधा का अनुचित उपयोग कर रहे हैं, जिससे न केवल ट्रेनों की समयबद्ध संचालन प्रभावित होती है, बल्कि अन्य यात्रियों को भी अनावश्यक असुविधा का सामना करना पड़ता है।
मंडल रेल प्रबंधक राजमल खोईवाल के मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त दिनेश सिंह तोमर के निर्देशन में मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर रेलवे सुरक्षा बल द्वारा विशेष जागरूकता एवं चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान यात्रियों को नियमों की जानकारी देने के साथ-साथ अलार्म चैन के अनुचित उपयोग पर कड़ी कार्यवाही की जा रही है।
जुलाई 2025 तक के आँकड़ों के अनुसार मंडल के विभिन्न स्टेशनों और आउटर क्षेत्रों में अलार्म चैन के दुरुपयोग के कुल 1052 मामले दर्ज कर एसीपी करने वालों के विरूद्व रेलवे अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है, मामलों में दोषियों को न्यायालय द्वारा अर्थदंड से दंडित करने पर 04 लाख 50 हजार रूपये से अधिक जूर्माना वसूल किया जा चुका है।
रेल अधिनियम की धारा 141 के अनुसार, बिना उचित कारण अलार्म चैन खींचने पर एक वर्ष तक का कारावास, 1,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
रेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है रेल की चैन कोई खिलौना नहीं, जिम्मेदारी से करें सफर। यात्रियों से अपील है कि यात्रा के दौरान इमरजेंसी अलार्म चैन का उपयोग केवल वास्तविक आपात स्थिति में ही करें, ताकि सभी की यात्रा सुरक्षित, समयबद्ध और सुगम बनी रहे।