

भिलाई, छत्तीसगढ़। अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध का संचालन कर रहे एक ऑनलाइन ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए भिलाई पुलिस ने 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह अमेरिका (USA) और कनाडा के नागरिकों को फर्जी तकनीकी सपोर्ट के नाम पर ठगने का काम कर रहा था। गिरोह का मुख्य सरगना अर्जुन शर्मा, फरीदाबाद (हरियाणा) निवासी है, जिसे होटल से गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ की जा रही है।
ठगी का तरीका: आरोपी भिलाई के चौहान टाउन में फर्जी कॉल सेंटर खोलकर कार्य कर रहे थे। फर्जी ई-सिम और इंटरनेशनल मोबाइल नंबर के माध्यम से पीड़ितों के मोबाइल व कंप्यूटर में वायरस (bug) भेजे जाते थे। बाद में तकनीकी सहायता (technical support) देने के नाम पर ठगी की जाती थी। USDT और क्रिप्टो करेंसी के जरिए अमेरिकी डॉलर में भुगतान लिया जाता था। टेलीग्राम ऐप के जरिए सारा नेटवर्क नियंत्रित होता था। ठगी की रकम हवाला के माध्यम से भारत में रुपये में तब्दील की जाती थी।
गिरफ्तारी विवरण: पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि चौहान टाउन स्थित एक घर में अवैध कॉल सेंटर संचालित हो रहा है। नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर के नेतृत्व में थाना सुपेला एवं स्मृतिनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने दबिश देकर 06 पुरुष और 02 महिलाएं मौके से पकड़ीं। मुख्य सरगना अर्जुन शर्मा को होटल से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी:
1. संतोष थापा – 24 वर्ष – शिलोंग, मेघालय
2. मुकेश नाथ – 24 वर्ष – शिलोंग, मेघालय
3. विवेक देव – 24 वर्ष – शिलोंग, मेघालय
4. विशाल कर – 26 वर्ष – शिलोंग, मेघालय
5. अनिश आर्यन – 29 वर्ष – भागलपुर, बिहार
6. अर्जुन शर्मा – 23 वर्ष – फरीदाबाद, हरियाणा (मुख्य सरगना)
7. अमित कुमार सिंह – 30 वर्ष – दिल्ली
8. पियाली देव – 24 वर्ष – शिलोंग, मेघालय
9. रिया राय – 27 वर्ष – चौहान टाउन, दुर्ग
बरामद सामग्री: 12 लैपटॉप
14 मोबाइल फोन
3 वाई-फाई राउटर
2.55 लाख रुपये नकद
क्रिप्टो वॉलेट और तकनीकी डिवाइस
दस्तावेज: आधार, पैन, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस एक होंडा एक्टिवा कुल जप्ती का मूल्य: लगभग ₹13 लाख
दर्ज अपराध: अपराध क्रमांक 783/2025
धारा 319(2), 318(4), 336(3), 61(2) BNS,
धारा 66(D) आईटी एक्ट,
धारा 42(2) टी.सी. एक्ट 2023
पुलिस का बयान: भिलाई पुलिस ने बताया कि यह गिरोह USA के नागरिकों को निशाना बनाकर फर्जी वायरस भेजता था, फिर उस वायरस को हटाने के नाम पर 80 से 200 डॉलर तक की ठगी करता था। डॉलर में प्राप्त राशि को क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कर, भारत में हवाला नेटवर्क से कैश में लिया जाता था।
पुलिस की सतर्कता और सफलता: इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि साइबर अपराध अब सीमाओं से परे जाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित रूप ले रहे हैं। भिलाई पुलिस की तत्परता से एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिससे हजारों अमेरिकी नागरिकों को ठगे जाने से बचाया गया।
जांच जारी है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।