

• पेशी के दौरान पुलिस अभिरक्षा से भागे थे दोनों आरोपी | शातिराना तरीके से बदल रहे थे ठिकाना | अब पुलिस की गिरफ्त में
जशपुर। जिले की जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन अंकुश के तहत एक बड़ी सफलता दर्ज करते हुए गैंगरेप के दो फरार दोषियों को झारखंड और रायगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी नेल्सन खाखा (25) और डीक्सन खाखा (30) वर्ष 2022 के नाबालिग के अपहरण व गैंगरेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे थे, लेकिन 11 अप्रैल 2025 को पेशी के बाद जेल वापसी के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे।
घटनाक्रम का विवरण:
27 दिसंबर 2022 को थाना दुलदुला में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को जंगल ले जाकर नेल्सन खाखा और उसके साथियों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया था। मामले में तीन आरोपियों के विरुद्ध धारा 363, 366, 376 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया था।
फरारी की पटकथा:
11 अप्रैल 2025 को दोनों आरोपियों को पेशी के बाद बंदीगृह ले जाया जा रहा था, तभी अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस को धक्का देकर फरार हो गए। इस संबंध में थाना कुनकुरी में बीएनएस की धारा 262 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
संगठित और प्रोफेशनल ऑपरेशन:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह के निर्देशन में विशेष टीम गठित की गई, जिसमें टेक्निकल और मुखबिर तंत्र का उपयोग किया गया। टीमों ने छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के संभावित ठिकानों पर दबिश दी।
नेल्सन खाखा को झारखंड के कुरडेग थाना क्षेत्र के सांबा गांव से
डीक्सन खाखा को रायगढ़ से कुनकुरी आते समय दबोचा गया।
सहयोगियों पर भी शिकंजा कसना शुरू:
आरोपियों को शरण और सहायता देने वाले तीन अन्य –
माइकल खाखा (कुनकुरी), रितेश कुजूर (जशपुर), सुदीप मिंज (दुलदुला) – के विरुद्ध भी वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस टीम में शामिल रहे अधिकारी:
साइबर सेल: निरीक्षक मोरध्वज देशमुख, उप निरीक्षक नसीरुद्दीन अंसारी
थाना कुनकुरी: निरीक्षक राकेश यादव, उप निरीक्षक संतोष तिवारी
अन्य स्टाफ: प्रधान आरक्षक दलेश्वर यादव, जितेंद्र गुप्ता, अनील सिंह, नगर सैनिक अजय श्रीवास्तव
एसएसपी शशि मोहन सिंह का बयान:
> “पुलिस टीम ने अत्यंत प्रोफेशनल तरीके से कार्य करते हुए अत्यंत खतरनाक और सजा प्राप्त फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। ऑपरेशन अंकुश आगे भी जारी रहेगा।”
जशपुर पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ कानूनी प्रतिबद्धता का प्रतीक है, बल्कि अपराधियों को यह संदेश भी देती है कि कानून से भागना संभव नहीं है।