

रायपुर |मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को सरगुजा जिले के मैनपाट में भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने बौद्ध परंपरा को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा का हिस्सा बताते हुए कहा कि बुद्ध के प्रेम, शांति और करुणा का संदेश राज्य सरकार की कार्यशैली का मार्गदर्शक है।
मुख्यमंत्री ने तिब्बती समुदाय द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों से किए गए आत्मीय स्वागत पर आभार जताया और कहा कि मैनपाट की यह भूमि शांति, सौहार्द और पर्यटन का नया प्रतीक बन सकती है।

मुख्य घोषणाएं:
🔹 सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण हेतु ₹10 लाख
🔹 प्राचीन बौद्ध मंदिर में शेड निर्माण के लिए ₹20 लाख
🔹 होम स्टे योजना के तहत मैनपाट को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में दलाई लामा के 90वें जन्मदिवस का स्मरण करते हुए उन्हें बुद्ध के सिद्धांतों का जीवंत प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि दलाई लामा का जीवन आज की दुनिया में आशा और सहिष्णुता का संदेश देता है।
उन्होंने कहा कि मैनपाट में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार यहां के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सिरपुर जैसे स्थलों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ फलीभूत हैं, जो समावेशी संस्कृति का दुर्लभ उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने मौके पर किया पौधरोपण
मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ पौधरोपण कर कार्यक्रम का समापन किया। कार्यक्रम स्थल पर हाथों में तिरंगा लिए उपस्थित लोगों ने हर्षोल्लास से उनका स्वागत किया।
उपस्थित गणमान्य:
इस अवसर पर सांसद चिंतामणि महाराज, विधायक रामकुमार टोप्पो, कलेक्टर विलास भोसकर, सेटलमेंट अधिकारी स्वांग यांग्सो, तिब्बती सहकारी समिति अध्यक्ष तामदिंग सेरिंग, लामा दुब्जे व लामा जिनपा सहित तिब्बती समुदाय के अनेक सदस्य उपस्थित रहे।
विशेष टिप्पणी: मैनपाट अब केवल ‘छत्तीसगढ़ का शिमला’ ही नहीं, बल्कि शांति, संस्कृति और समावेशिता का प्रतीक स्थल बनने की ओर अग्रसर है।