

मुंगेली। नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर बैठे एनएचएम संविदा कर्मचारियों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को हड़ताल के 18वें दिन नाराज कर्मचारियों ने सामूहिक त्यागपत्र देकर सरकार के खिलाफ मोर्चा और तेज कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार, शासन द्वारा हड़ताल तोड़ने के लिए कई जिलों में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया है। इससे गुस्साए कर्मचारियों ने प्रांतीय टीम के आह्वान पर सामूहिक रूप से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया। इसके बाद जिले के सभी तीन ब्लॉकों से कर्मचारी जिला मुख्यालय पहुंचे और आगर खेल परिसर में एकत्रित होकर सामूहिक त्यागपत्र पर हस्ताक्षर किए। बाद में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इस्तीफा सौंपा।
कर्मचारियों का कहना है कि वे नियमितीकरण और 27% वेतनवृद्धि सहित अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं। कोविड–19 संकट के समय संविदा कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं दी थीं, लेकिन अब सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर कर्मचारियों का मनोबल तोड़ना चाहती है, लेकिन इस बार वे “आर–पार की लड़ाई” लड़ने के मूड में हैं।
संघ के जिला अध्यक्ष पवन निर्मलकर ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने ‘मोदी की गारंटी’ के तहत नियमितीकरण का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आए दो साल होने के बाद भी वादा पूरा नहीं हुआ। इसके विपरीत आंदोलनरत कर्मचारियों पर दमनकारी कार्रवाई की जा रही है।
हड़ताल के चलते जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई हैं। जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीजों को घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है और उपचार कार्य ठप सा हो गया है।
