

मुंगेली। गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर जिले के शहर, नगर और ग्रामीण अंचलों में भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रद्धालुओं ने गणपति बप्पा का भव्य स्वागत कर गली-गली, चौक-चौराहों और मोहल्लों में “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारों से वातावरण गुंजा दिया।
शोभायात्रा से गूंजा शहर
गणेश प्रतिमाओं की स्थापना से एक दिन पहले नगर में आकर्षक शोभायात्राएँ निकाली गईं। ढोल-नगाड़े, ताशा, डीजे और बैंड-बाजों की धुन पर लोग नाचते-गाते हुए बप्पा को पंडालों तक लेकर पहुंचे। जगह-जगह महिलाओं ने आरती उतारी और बच्चों ने फूलों की वर्षा कर गणपति का स्वागत किया।
विधि-विधान से हुई स्थापना
पंडालों में पंडितों द्वारा विधिवत पूजन-अर्चना कर गणेश जी की प्रतिमाओं की स्थापना की गई। भजन, कीर्तन और आरती से वातावरण भक्तिमय रहा। सार्वजनिक पंडालों के साथ-साथ घर-घर में भी बप्पा का आगमन हुआ।
इस वर्ष अधिक रही प्रतिमाओं की मांग
प्रतिमा विक्रेताओं के अनुसार इस बार जिले में गणेश प्रतिमाओं की मांग पिछले वर्षों की तुलना में अधिक रही। मूर्तिकारों द्वारा तैयार विभिन्न आकार और आकर्षक स्वरूप की प्रतिमाएँ श्रद्धालुओं को खूब पसंद आईं।
सामाजिक एकता का प्रतीक
गणेशोत्सव में सभी समुदायों के लोग बढ़-चढ़कर सहयोग कर रहे हैं। जगह-जगह प्रसाद वितरण किया जा रहा है। युवा वर्ग पंडालों की सजावट से लेकर व्यवस्था तक में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था मजबूत
पर्व को देखते हुए जिले में पुलिस प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है। प्रमुख पंडालों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जवानों की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
गांव-गांव में गूंजे बप्पा के जयकारे
जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचलों तक गणेशोत्सव की धूम है। गांवों में घरों के आंगन और चौपालों में गणपति विराजमान हुए और भक्ति गीतों की स्वर लहरियों से वातावरण गुंजायमान हो गया।
पूरे जिले में इन दिनों केवल एक ही स्वर गूंज रहा है— “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया।” श्रद्धालु विश्वास जता रहे हैं कि बप्पा की कृपा से जिले में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहेगी।