

मुंगेली। 40वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े (25 अगस्त से 8 सितंबर 2025) का आगाज जिले में भव्य रूप से हुआ। माननीय केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने इस अवसर पर दृष्टि रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत यह आयोजन कलेक्टर कुंदन कुमार एवं जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पांडे के आदेशानुसार किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुशिला साह, सिविल सर्जन डॉ. एम.के. राय, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (मिशन मुंगेली) गिरीश कुर्रे एवं नोडल अधिकारी राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्पदृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. देवेश खांडे के निर्देशन में हुआ। स्वास्थ्य परीक्षण शिविर
नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत सियान सदन रामगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों एवं पेंशनर्स के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया गया। इसमें 36 लोगों का स्वास्थ्य पंजीयन हुआ।
शुगर जांच : 36
चश्मा वितरण : 08
व्यवंदन कार्ड : 15 बनाए गए।
नेत्रदान का महत्व कार्यक्रम में नेत्र सर्जन डॉ. देवेश खांडे ने बताया कि मनुष्य की आंख ही एकमात्र ऐसा अंग है जो मृत्यु के बाद भी किसी अन्य की जिंदगी में प्रकाश ला सकती है। नेत्रदान मृत्यु उपरांत किया जाता है और किसी भी उम्र का व्यक्ति इसे कर सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि व्यक्ति को रेबीज, एड्स, टिटनेस, हेपेटाइटिस, कुष्ठ रोग, ब्लड कैंसर, आंख का कैंसर, सेप्टीसीमिया, तपेदिक, संक्रामक बीमारी, सर्पदंश या जलकर मृत्यु जैसी परिस्थितियाँ रही हों तो नेत्रदान उपयुक्त नहीं माना जाता।
डॉ. खांडे ने बताया कि कॉर्निया की सफेदी (कॉर्नियल ओपेसिटी), आंखों के संक्रमण, चोट, विटामिन-ए की कमी, कुपोषण या जन्मजात कारणों से दृष्टिहीनता हो सकती है। ऐसे में कॉर्निया प्रत्यारोपण से दृष्टिहीन व्यक्ति फिर से दुनिया देख सकता है। विशिष्ट उपस्थिति
इस अवसर पर नेत्र सहायक अधिकारी राजेंद्र बंजारे, भक्तस्नेही पटेल, चंद्रकांती चौबे, शंकर सप्रे, दिलेश्वर भास्कर, संध्या यादव, सरिता महिलांगे, राज प्रियंका, किशोर कुम्भकार, इकांक्षा साहू, खिलेंद्र साहू, थानेश साहू, विवेक सोनी एवं बिंदु वीरेंद्र रात्रे सहित बड़ी संख्या में चिकित्सा अमला मौजूद रहा।
पेंशनर्स संगठन से प्रेसीडेंट सोलंकी, प्रमोद पाठक एवं नीलकंठ तिवारी विशेष रूप से उपस्थित थे।