

मुंगेली। राजस्व पटवारियों ने अपनी लंबित मांगों एवं कार्य संबंधी समस्याओं को लेकर एक बार फिर आवाज बुलंद की है। जिले के पटवारी संघ ने सामूहिक रूप से जिला कलेक्टर मुंगेली को ज्ञापन सौंपते हुए शासन और प्रशासन का ध्यान अपनी मूलभूत समस्याओं की ओर आकर्षित किया।
ज्ञापन सौंपते समय पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि लंबे समय से राजस्व पटवारियों को उनके कार्य निष्पादन हेतु आवश्यक संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिससे आमजन से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों में विलंब होता है। कई बार ग्रामीण अंचल में बैठकर काम करने की स्थिति बनती है, परंतु आवश्यक संसाधनों के अभाव में समस्याएं बढ़ जाती हैं।
प्रमुख मांगें रखीं
राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ (प्रांत) द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में जिले के पटवारियों की ओर से कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए। इनमें प्रमुख रूप से –
1. पटवारियों की विभिन्न मांगों और कार्य संबंधी समस्याओं का त्वरित निराकरण।
2. कार्य निष्पादन हेतु आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा इस दिशा में संसाधन भत्ता भी प्रदान किया जाए।
3. नवीन संकेतन एवं नवीन संकेतन (वांछित) से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जाए।
4. डिजिटल क्रॉप सर्वे (डीसीएस) कार्य को बेहतर तरीके से संपन्न कराने आवश्यक तकनीकी एवं भौतिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
संसाधनों का अभाव बना बड़ी समस्या
पटवारी संघ ने कहा कि विभागीय कार्यों के दौरान फील्ड में लगातार दौरे करने पड़ते हैं। ग्रामीण अंचल में कई ऐसे पटवारी हल्के हैं, जहां बैठने की व्यवस्था तक उपलब्ध नहीं है। वहीं आवश्यक स्टेशनरी, कंप्यूटर, प्रिंटर एवं इंटरनेट जैसी मूलभूत सुविधाएं भी पूरी तरह उपलब्ध नहीं हो पातीं। ऐसे में समय पर कार्य निष्पादन कठिन हो जाता है। संघ ने यह भी कहा कि यदि प्रशासन द्वारा आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जाएं तो कार्य की गति और पारदर्शिता दोनों ही बढ़ाई जा सकती है।
डिजिटल क्रॉप सर्वे की चुनौतियां
ज्ञापन में विशेष रूप से डिजिटल क्रॉप सर्वे का मुद्दा भी उठाया गया। पटवारियों ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप किसानों की फसलों का सही आंकलन करना उनकी जिम्मेदारी है। लेकिन पर्याप्त तकनीकी साधन, सॉफ्टवेयर ट्रेनिंग एवं डिवाइस की उपलब्धता के बिना यह कार्य चुनौतीपूर्ण बन जाता है। कई बार नेटवर्क समस्या के कारण भी दिक्कत आती है। यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो डिजिटल क्रॉप सर्वे का लक्ष्य प्रभावित हो सकता है।
संघ का आग्रह
राजस्व पटवारी संघ मुंगेली के जिलाध्यक्ष के. किशन महिलांग ने कहा कि पटवारी शासन-प्रशासन और आमजन के बीच सेतु का कार्य करते हैं। राजस्व संबंधी अधिकांश कार्यों की पहली जिम्मेदारी पटवारी पर होती है। ऐसे में यदि उन्हें आवश्यक सहयोग एवं संसाधन नहीं मिलेगा तो कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होगी। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि संघ की मांगों पर गंभीरता से विचार कर शीघ्र निराकरण किया जाए।
प्रशासन से उम्मीदें
पटवारी संघ ने विश्वास जताया कि जिला प्रशासन उनकी समस्याओं का संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाएगा। संघ ने कहा कि समय-समय पर पटवारियों द्वारा अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया है, परंतु अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि समस्याओं का निराकरण शीघ्र नहीं हुआ तो आगे आंदोलनात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।
ज्ञापन की प्रतिलिपि भी भेजी गई
सौंपे गए ज्ञापन की प्रतिलिपि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुंगेली, लोरमी, पथरिया, तहसीलदार सहायक मुंगेली, जरहागांव, लोरमी, ललपुर सहित संबंधित थाना व पटवारी हल्कों के जिम्मेदार अधिकारियों को भी प्रेषित की गई है। इसके साथ ही प्रांतीय राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ को भी ज्ञापन की प्रति भेजकर समस्या के समाधान की अपील की गई है।
समाधान से बढ़ेगी पारदर्शिता
पटवारी संघ का मानना है कि उनकी मांगें पूरी होने से न केवल पटवारियों का कार्य आसान होगा बल्कि शासन के कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ भी समय पर जनता तक पहुंचेगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और आम नागरिकों का प्रशासन पर विश्वास भी मजबूत होगा।
राजस्व पटवारी संघ द्वारा प्रस्तुत मांगपत्र ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की समस्याएं अभी भी जस की तस हैं। यदि सरकार और प्रशासन समय रहते इनके समाधान पर ध्यान नहीं देता तो इसका सीधा असर जनसेवाओं पर पड़ सकता है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन पटवारियों की मांगों पर कितनी तत्परता से कदम उठाता है।
