

रायपुर । छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने रियल एस्टेट सेक्टर में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। आदेश में एक आबंटी को 75,600 रुपये की लंबित रखरखाव राशि और 4,77,744 रुपये की विकास लागत प्रमोटर को तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं।
रेरा ने स्पष्ट किया कि जब तक परियोजना का विधिवत हस्तांतरण हाउसिंग सोसायटी को नहीं हो जाता, तब तक रखरखाव की जिम्मेदारी प्रमोटर की होती है, और इस अवधि का शुल्क देना आबंटी का दायित्व है। साथ ही, विकास लागत की राशि समझौते के अनुसार पहले ही देय थी, परंतु लगातार सूचना देने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया।
प्राधिकरण ने कहा कि इस तरह की आर्थिक लापरवाही से परियोजनाओं के संचालन में बाधा आती है और यह रियल एस्टेट अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है।
रेरा ने अपने आदेश में यह भी कहा कि वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही रियल एस्टेट सेक्टर की मजबूती के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह निर्णय उन सभी आबंटियों के लिए चेतावनी है, जो अपने दायित्वों से बचते रहे हैं।
यह आदेश प्रमोटरों को उनके वाजिब अधिकार दिलाने के साथ-साथ आबंटियों को वित्तीय अनुशासन का पालन करने की दिशा में एक दृढ़ और निर्णायक कदम माना जा रहा है।