

मुंगेली । मुंगेली शहर के पॉश रिहायशी इलाके पृथ्वीग्रीन कॉलोनी फेस-1 में एक के बाद एक हुए चोरी की वारदातों का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। ऑपरेशन “बाज” के अंतर्गत की गई त्वरित और सुनियोजित कार्रवाई में मुंगेली पुलिस ने 30 लाख रुपये से अधिक की चोरी गई संपत्ति को बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें मध्यप्रदेश, दिल्ली व छत्तीसगढ़ में दबिश दे रही हैं।
इंटिग्रेटेड मॉडर्न कंट्रोल रूम की अहम भूमिका : हाल ही में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित इंटिग्रेटेड मॉडर्न कंट्रोल रूम से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी ने इस पूरे मामले में पुलिस को अहम सुराग उपलब्ध कराए। घटना के बाद से ही पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देश पर, अनुविभागीय अधिकारी मयंक तिवारी और डीएसपी नवनीत पाटिल के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई और विशेष जांच शुरू की गई।
घटनाक्रम विस्तार से – दो जगहों पर ताले तोड़कर लाखों की चोरी :
पहली घटना
प्रार्थी आयुष राम, निवासी ग्राम बुचुवाकापा, हाल निवासी पृथ्वीग्रीन कॉलोनी फेस-1, ने थाना सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दिनांक 26 जुलाई की रात वह अपनी पत्नी और बच्ची को लेकर जिला अस्पताल गया था। अगली सुबह लौटने पर देखा कि मकान के भीतर का दरवाजा टूटा हुआ था। जांच पर सामने आया कि अलमारी में रखे ₹24.50 लाख नकद व कीमती जेवरात चोरी हो चुके हैं।
कुल चोरी – ₹29.80 लाख
दूसरी घटना
इसी रात त्रिभुवन यादव निवासी पालचुवा के मकान का भी ताला तोड़कर ₹1,000 नकद व दो चांदी की बिछिया चुराई गई थी।
दोनों मामलों में थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 339/25 और 340/25 दर्ज किया गया है, जिनमें धारा 331(4), 305(ए), 317(2), 3(5) बीएनएस के तहत विवेचना की जा रही है।
तकनीकी निगरानी और फुटेज से आरोपी चिह्नित : घटना के बाद पुलिस ने पृथ्वीग्रीन कॉलोनी सहित आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। Wagon-R कार क्रमांक CG-04 KY-8365 और दो संदिग्ध बाइक की गतिविधियों को ट्रैक करते हुए कार को प्राइम सस्पेक्ट के रूप में चिह्नित किया गया।
साथ ही, रायपुर व दिल्ली एयरपोर्ट से भी सीसीटीवी फुटेज मंगवाकर संदिग्धों की पहचान की गई। पुलिस को इस दौरान संदीप सतनामी, सूरज कुर्रे, और मंजीत के नामों की पुष्टि हुई।
दिल्ली भागकर उड़ा रहे थे चोरी की रकम : घटना को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी हवाई जहाज से दिल्ली भाग गए। संदीप सतनामी के गाँव के दो नाबालिग भी इस वारदात में शामिल पाए गए। पुलिस टीम ने ग्वालियर से सूरज कुर्रे को गिरफ्तार किया, लेकिन संदीप अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।
साजिश का खुलासा और जब्ती : ग्राम सिंगारपुर में दबिश देकर पुलिस ने वेदप्रकाश साहू उर्फ बेदू, गुलशन साहू और टिकेश्वर उर्फ टिकेश साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सभी ने चोरी में शामिल होने की बात स्वीकार की।
जब्ती विवरण :
गुलशन साहू के स्टूडियो से – ₹5,11,000 नकद
वेदप्रकाश के कमरे से – ₹14,62,740 नकद
सूरज कुर्रे से – ₹41,000 नकद और सोने की अंगूठी
टिकेश्वर के घर से – सोने-चांदी के जेवर (कंगन, चुड़ी, मंगलसूत्र, बाली, झुमका, बिछिया आदि) – ₹6,65,000
प्रयुक्त वागन-आर कार – ₹4,00,000
तीन मोबाइल फोन – ₹48,000
कुल जुमला जब्ती – ₹30,67,740
दो नाबालिग भी संलिप्त, बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए : इस पूरे घटनाक्रम में दो विधि से संघर्षरत बालक भी शामिल थे, जिन्होंने चोरी में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया और चोरी का माल अपने पास रखा। दोनों को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया।
गिरफ्तारी एवं आरोपीगण का आपराधिक इतिहास :
गिरफ्तार आरोपी –
1. वेदप्रकाश साहू उर्फ बेदू पिता रामप्यार साहू (30), निवासी भाठापारा (ग्रामीण), बलौदाबाजार
2. गुलशन साहू पिता हेमराम साहू (25), निवासी सिंगारपुर, बलौदाबाजार
3. दो नाबालिग बालक – बाल संप्रेक्षण गृह भेजे गए
फरार आरोपी –
1. संदीप सतनामी
2. मंजीत
3. अन्य सहयोगी
उपरोक्त सभी आरोपियों के खिलाफ बलौदाबाजार, खमतराई (रायपुर) सहित विभिन्न थानों में चोरी, मारपीट, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर प्रकरण दर्ज हैं।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका :
पूरे ऑपरेशन में निम्न अधिकारियों व कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही: निरीक्षक कार्तिकेश्वर जांगड़े (थाना प्रभारी, फास्टरपुर),उप निरीक्षक गिरजा शंकर यादव (थाना सिटी कोतवाली),सायबर सेल प्रभारी सुशील कुमार बंछोर,सहायक उप निरीक्षक अजय चौरसिया, प्रधान आरक्षक यशवंत डाहिरे, नरेश यादव, लोकेश राजपूत, रवि जांगड़े, रामकिशोर कश्यप, परमेश्वर जांगड़े, राहुल यादव, रवि डाहिरे, गिरीराज परिहार, जितेंद्र सिंह सहित कुल 20 से अधिक पुलिसकर्मियों ने तत्परता से कार्य किया।
पृथ्वीग्रीन कॉलोनी में हुए करोड़ों के चोरी कांड का खुलासा मुंगेली पुलिस की तकनीकी दक्षता, समयबद्धता और सामूहिक प्रयास का परिणाम है। इस कार्रवाई ने यह प्रमाणित किया है कि अब अपराधी चाहे कितने भी शातिर हों, कानून के हाथ लंबे हैं और पुलिस की निगाहें पैनी।