

मुंगेली। नगर की सड़कों पर इन दिनों दो व चार पहिया वाहनों पर ‘प्रेस’, पदनाम, नीली बत्ती, सायरन और काली फिल्म लगाए देखना आम बात हो गई है। इन वाहनों को देखकर यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि उनमें कोई अधिकारी बैठा है या कोई आम नागरिक। यह चलन ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में तेजी से फैल रहा है, जिससे यातायात नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है।
गौरतलब है कि ऐसे वाहन चालक बेखौफ फर्राटे भरते हैं और यातायात विभाग की कानून से खेलने जैसी स्थिति बन गई है। कई मामलों में संबंधित विभाग कार्रवाई से भी बचते नजर आते हैं। इसी कड़ी में 26 जुलाई को एक नीली बत्ती लगे वाहन को रोककर पूछताछ की गई। संतोषजनक दस्तावेज न मिलने पर वाहन को सीटी कोतवाली में खड़ा करवा दिया गया।
इस संबंध में एसडीओपी मयंक तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि मुंगेली-कवर्धा मार्ग में जांच के दौरान एक संदिग्ध वाहन पकड़ा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई लाल/नीली बत्ती, सायरन या ‘प्रेस’ लिखा वाहन उपयोग कर रहा है और उससे अधिकृत रूप से संबंधित नहीं है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रेस लिखे वाहनों की सत्यता जांचने के लिए पीआरओ से जानकारी मंगाई जा रही है, ताकि केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही यह सुविधा प्राप्त हो और फर्जी वीआईपी कल्चर पर लगाम लगाई जा सके।