

रायपुर। रायपुर पुलिस की साइबर सेल, एंटी क्राइम यूनिट और थाना विधानसभा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत एक अंतरराज्यीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और लखनऊ से गिरोह के 5 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है, जो देशभर में करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। आरोपियों के कब्जे से मोबाइल, सिम, बैंक दस्तावेज जब्त कर 43 लाख रुपए की राशि होल्ड करवाई गई है।
ठगी का तरीका – डिजिटल अरेस्ट और मनी लॉन्ड्रिंग का डर
विधानसभा थाना क्षेत्र की निवासी सोनिया हंसपाल ने शिकायत दर्ज कराई कि अज्ञात कॉलर्स ने खुद को दिल्ली साइबर विंग का अधिकारी बताकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी। व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर जोड़कर 21 मई से 10 जुलाई के बीच 2.83 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई।
पुलिस द्वारा मोबाइल नंबरों और बैंक खातों की तकनीकी जांच के बाद उत्तर प्रदेश में ठगों का लोकेशन ट्रेस किया गया। रायपुर से भेजी गई संयुक्त टीम ने गोरखपुर और लखनऊ में डेरा डालकर जांच की और आरोपियों को पकड़ा।
गिरफ्तार आरोपी:
1. आकाश साहू, 24 वर्ष, गोरखपुर
2. शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू, 29 वर्ष, गोरखपुर
3. अनूप मिश्रा, 48 वर्ष, लखनऊ
4. नवीन मिश्रा, 41 वर्ष, लखनऊ
5. आनंद कुमार सिंह, 35 वर्ष, देवरिया (पीएनबी ग्राहक सेवा केंद्र संचालक)
40 से अधिक फर्जी कंपनियाँ बनाकर देशभर में फैला जाल
जांच में पता चला कि आरोपियों ने 40 से अधिक फर्जी कंपनियाँ बनाईं जिनके नाम पर अलग-अलग बैंकों में खाता खुलवाकर रकम की हेराफेरी की जाती थी।
इनमें शामिल कंपनियाँ हैं – श्री नारायणी इंफ्रा डेवलपर्स, श्री गणेशा डेवलपर्स, अर्बन एज बिल्डकॉम, स्नो हाइट्स कंस्ट्रक्शन आदि।
वर्तमान स्थिति और आगे की कार्रवाई
43 लाख रुपये की ठगी की राशि होल्ड
फर्जी खातों, चेकबुक, मोबाइल, सिम कार्ड जब्त
गिरोह के अन्य फरार सदस्यों की तलाश जारी
आरोपियों की संपत्ति अटैच करने की तैयारी
प्रकरण में थाना विधानसभा में अपराध क्रमांक 345/25, धारा 318(4), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया है।
संयुक्त टीम में:
निरीक्षक मनोज नायक (रेंज साइबर थाना)
निरीक्षक परेश पांडेय (एंटी क्राइम यूनिट)
निरीक्षक शिवेन्द्र सिंह राजपूत (थाना प्रभारी विधानसभा)
देशभर में फैली साइबर ठगी की घटनाओं पर रायपुर पुलिस की यह कार्रवाई एक मजबूत और निर्णायक कदम मानी जा रही है। यह ऑपरेशन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए साइबर अपराधियों के खिलाफ चेतावनी है।