

भिलाई नगर । हनुमान मंदिर, कैम्प-01 के समीप आचार्य पंडित ओमप्रकाश द्विवेदी के निवास पर गुरु पूर्णिमा पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। भजन-कीर्तन, ध्यान, सत्संग और प्रवचन के साथ पूरे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।
गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रकाश डालते हुए आचार्य द्विवेदी ने कहा –
> “भारत की आत्मबोध परंपरा यह सिखाती है कि गुरु के मार्गदर्शन में चलकर ईश्वर की प्राप्ति इसी जीवन में संभव है। गुरु केवल शिक्षक नहीं, बल्कि रक्षक, मार्गदर्शक और मोक्षदाता होते हैं। वे विष्णु हैं, क्योंकि वे शिष्य की रक्षा करते हैं, वे शिव हैं, क्योंकि वे शिष्य के दोषों का अंत करते हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि यह दिन महाभारत के रचयिता, वेदों के संकलक कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास का जन्मदिन भी है। वे भारतीय ज्ञान परंपरा के आदिगुरु माने जाते हैं।
भजन-कीर्तन में भाग लेने भिलाई-दुर्ग क्षेत्र से बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंचे। कार्यक्रम के पश्चात श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
इस अवसर पर युवा मोर्चा अध्यक्ष अमित मिश्रा एवं उनके साथियों ने आचार्य द्विवेदी का स्वागत किया। वहीं महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती स्वीटी कौशिक और उपाध्यक्ष श्रीमती प्रमिला दुबे ने भी अपने साथियों सहित आचार्य द्विवेदी का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ व्यापारी, उद्योगपति और जर्मन मूल के विशेष आमंत्रित अतिथि भी शामिल हुए, जिन्होंने भारतीय अध्यात्म और गुरु परंपरा के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।