

मुंगेली |जिले के सुदूर अंचलों में पढ़ाई की लौ एक बार फिर जल उठी है। शिक्षा विभाग की युक्तियुक्तकरण योजना के तहत मुंगेली जिले के 08 शिक्षकविहीन स्कूलों में अब 22 शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। लंबे समय से शिक्षक की बाट जोह रहे इन स्कूलों में पढ़ाई का माहौल लौटने से बच्चों और पालकों के चेहरे खिल उठे हैं।
यह प्रक्रिया कलेक्टर कुन्दन कुमार के मार्गदर्शन में और जिला शिक्षा अधिकारी की निगरानी में पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई। इसका उद्देश्य स्पष्ट है — शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और हर गांव तक शिक्षक की पहुंच सुनिश्चित करना।
अब हर गांव में गूंजेगी पाठशाला की आवाज
प्राथमिक स्तर पर 05 स्कूलों में 13 शिक्षक भेजे गए हैं। प्राथमिक शाला घुठेली को 4, बासीन को 2, पकरिया को 3, दानवखार को 2 और रंजकी को 2 शिक्षक मिल चुके हैं। वहीं, 3 उच्च स्तर की शालाओं — अचानकमार, मुंडादेवरी और पथरगढ़ी में 3-3 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है।
शिक्षा को लेकर उम्मीदों को पंख
ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत किया है। पालकों का कहना है कि अब बच्चों को दूर शहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गांव में ही अच्छी और सुरक्षित शिक्षा उपलब्ध होने से न केवल उनका भविष्य संवरेगा, बल्कि शिक्षा के प्रति समाज का भरोसा भी और मजबूत होगा।
शिक्षकविहीनता से आज़ादी, गांवों में लौटी पढ़ाई की रौनक
प्रशासन की इस कार्यवाही से ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के प्रति आशा का नया संचार हुआ है। शिक्षा को लेकर यह कदम न केवल ज़मीनी बदलाव की मिसाल है, बल्कि इसे एक सफलता की कहानी के रूप में देखा जा रहा है।